Sunday, June 12, 2011

कभी तुम मेरी इन धड़कनों की फिक्र भी कर लिया करो

याद आने लगा आज सदियों बाद फिर से वो दिन जब तुमसे नहीं मिला था,ना हुई थी बात अपनी,ना थी कोई जान पहचान तुमसे।पर ये दिल ना जाने क्यों तुमको अपना मान बैठा था।तुमसे जब पहली बार बात हुई थी अजीब हालत थी इन धड़कनों की।मुझसे ज्यादा अधीर तो बेचारे ये ही हो रहे थे।धड़कती रहती थी हर पल धड़कन रुकने का नाम ही नहीं लेती और  इक अद्भूत आनंद सा समाता जाता था मेरी इन धड़कनों में।जिन्दगी में पहली बार अधीरता भी कुछ ऐसा खुशनुमा माहौल पैदा कर रही थी जिसमें सब कुछ स्थिर था।बस दिल की धड़कन ही चल रही थी कभी हौले हौले तो कभी जोर से।
इन धड़कनों में कैद है आज भी उस पहले दिन से आखिरी दिन तक की हर एक तुम्हारी साँस जिनको मेरी साँसों ने बस महसूस किया था।इन धड़कनों की अधीरता तो बस बेबाक थी दौड़ते रहते थे मीलों तक और मै स्थिर बस स्थिर कुछ सोचता रहता।कई बार जब तुमसे प्यार का इजहार करना चाहा था मै,इन धड़कनों की वजह से ही रुक गया था।डरता था कही मेरी इन धड़कनों के प्रवाह का किसी को पता न चल जाये।ऐसे ही कही भी,कभी भी जब तुम्हारा नाम अनायास ही टकरा जाता था मेरे होंठों से फिर तो देखते ही बनती थी इन धड़कनों की बेचैनी।


एक बार तुमने रख दिया था हाथ मेरी इन धड़कनों पर और बेचारे गुमशुम से ये भी ना कह सके कि वो तो हर पल बस धड़कते है तुम्हारी खातिर।शायद उस पल धड़कनों का वेग जो तेज हो गया था वो तुम्हें कुछ कहना चाहते थे।पर निःशब्द भावों को नहीं समझ पायी तुम।क्यों तुम्हारे पास होने पर तेज हो जाते है ये और जब तुम्हारे जाने का समय आता है,तो फिर वही धक धक।पर शायद तुम्हें नहीं थी परवाह इन धड़कनों की जिनके धक धक की हर झंकार में बस तुम्हें पाने की इक अधूरी प्यास सी बजती थी,जिसे बस मै ही सुन पाता था,तुम नहीं।क्या तुम्हें महसूस नहीं होता था प्रवाह इन धड़कनों का जब तुम इनको छुती थी।
होंठों की सक्रियता और आँखों की बेचैनी तो समझ पाती थी तुम पर भावनाओं के उस दबे आशिक इन धड़कनों की फिक्र क्यों ना थी तुम्हें?ऐसा लगता ये धड़कन जल्दी जल्दी से किसी मँजिल तक पहुँचना चाहते है दौड़ कर पर मेरी विवशता के सामने वो भी विवश है।तुम्हारे ना होने पर थोड़े शांत रहते थे वो पर ज्योंही ख्यालों की जमीन पर उतर आती थी तुम धीरे से ये संवेदनाओं की अलौकिक रेस में जुट जाते थे।ख्वाब में आज भी तुम्हें सामने देख कर इन धड़कनों को शायद अब भी तुम्हारे आने का इंतजार है।
अब शायद सब कुछ रुक सा गया है तुम्हारे जाने के बाद पर आज भी न जाने किसकी खातिर ये धड़कते रहते है।शायद आज भी विश्वास है इन धड़कनों का तुम पर या इनका वो साझा जो इन्होनें तुम्हारी धड़कनों से किया था इन्हें अब भी देता है प्रवाह धड़कने का।शायद जिन्दगी के अंतिम क्षणों में जब साँस छुटने की बारी आये तब भी ये पागल धड़कन माँग ले कुछ वक्त और धड़कने को तुम्हारी खातिर।न जाने कैसा महसूस करते है ये बेवजह धड़क कर ये तो मुझे भी नहीं पता पर सच में इन धड़कनों की बदौलत ही आज भी तुम जिन्दा हो मेरी यादों की भूली बिसरी कहानी में।आज भी इन धड़कनों का फिक्र करने वाला शायद नहीं है कोई पर महसूस करने वाला तो है न।
तुमसे दूर होकर हर बार मैने महसूस किया है वो खालीपन जो तुम्हारे संग होने पर कितना भरा भरा सा होता था,जो मेरी साँसों को इक नयी जीवन उर्जा देता था।कई बार दुखाया दिल मैने तुम्हारा पर हर बार मेरा दिल समझा लेता था तुम्हारे दिल को और वो बंधन जो शायद अटूट है हमारे प्यार का जुड़ जाता था फिर से।पर इस बार तुम्हारे जाने के बाद क्या कहूँ बड़ी जोर जोर से धड़कते है ये धड़कन पर इन धड़कनों को कहाँ मालूम की कोई फिक्र ही नहीं उसे जिसकी खातिर बेवजह धड़के जा रहे है ये।कितना भी धड़क ले ये पर वो बिछुड़ा साथी अब कहाँ आने वाला जो शांत कर सके इन धड़कनों को और बस एक बार हाथ रख कर इनपर करा दे ये एहसास इनके फिक्र का।

11 comments:

vandana gupta said...

आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (13-6-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

http://charchamanch.blogspot.com/

Patali-The-Village said...

बहुत खूबसुरत रचना| धन्यवाद|

Shalini kaushik said...

dil ke jazbaton ko dil kee gahrai se vyakt kiya hai satyam ji.bahut khoobsurat abhivyakti badhai.

रश्मि प्रभा... said...

तुमसे दूर होकर हर बार मैने महसूस किया है वो खालीपन जो तुम्हारे संग होने पर कितना भरा भरा सा होता था,जो मेरी साँसों को इक नयी जीवन उर्जा देता था... jane ke baad hi mahsoos hota hai

Jyoti Mishra said...

beautiful !!!
very creative

kavita verma said...

beautiful....

***Punam*** said...

very romantic....!
kisi ka saath kya kuchhde jata hai...!

Kailash Sharma said...
This comment has been removed by the author.
Kailash Sharma said...

बहुत सुन्दर और भावपूर्ण...

Dr Varsha Singh said...

लाजवाब, सुन्दर लेखनी को आभार...

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति said...

सुन्दर फोटो के साथ खूब लिखा..